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Dadasaheb Phalke Award: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के 67वें समारोह में सुपरस्टार रजनीकांत को फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया. फिल्म इंडस्ट्री में 45 वर्ष तक अपने योगदान के लिए रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मान‍ित किया गया.

रजनीकांत को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप दक्षिण भारत के प्रसिद्ध अभिनेताओं में से एक हैं. आप लाखों दिलों पर राज करते हैं और इनको किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. आपके अभिनय कौशल ने भारतीय फिल्म उद्योग को एक नया आयाम दिया है.

रजनीकांत: एक नजर में

अभिनेता रजनीकांत ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत तमिल सिनेमा में ‘अपूर्व रागंगल’ फिल्म से की थी. इसके बाद उन्होंने ‘बाशा’, ‘शिवाजी’ और ‘एंथिरन’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया है.

अभिनेता ने बॉलीवुड की भी कई फिल्मों में काम किया है. अपने शानदार काम के लिए रजनीकांत को भारत सरकार द्वारा साल 2000 में पद्म भूषण और साल 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है. अभिनेता अपने फैंस के बीच ‘थलाइवर’ के रूप में माने जाते हैं.

रजनीकांत बीते पांच दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं. वे अभी भी सिनेमा में एक्टिव हैं. रजनीकांत की असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था. रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी. दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे.

दादा साहब फाल्के पुरस्कार के अलावा, रजनीकांत ने चार बार तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार जीते हैं. उन्हें 2000 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. उन्हें साल 2016 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके अतिरिक्त, रजनीकांत को गोवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 45 वें संस्करण में भारतीय फिल्म व्यक्तित्व के लिए शताब्दी पुरस्कार दिया गया था.

दादा साहब फाल्के पुरस्कार: एक नजर में

दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार की तरफ से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है. यह पुरस्कार किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार का प्रारम्भ दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दि-वर्ष 1969 से हुआ था.

उस वर्ष राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के लिए आयोजित 17वें समारोह में पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया. तब से अब तक यह पुरस्कार लक्षित वर्ष के अंत में अथवा अगले वर्ष के आरम्भ में ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ के लिए आयोजित समारोह में प्रदान किया जाता है. वर्तमान में इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये और स्वर्ण कमल दिये जाते हैं.



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