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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से अभ्यास हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का सफल परीक्षण किया. इस लड़ाकू ड्रोन का फ्लाइट टेस्ट 22 अक्टूबर 2021 को किया गया. इससे भारतीय रक्षा प्रणाली को मजबूती मिलने की आशा की जा रही है.

इस यान का इस्तेमाल अनेक मिसाइल प्रणालियों का मूल्यांकन करने हेतु हवाई लक्ष्य के तौर पर किया जा सकता है. डीआरडीओ के अनुसार ओडिशा के चांदीपुर में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज में अभ्यास- हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) का सफल परीक्षण हुआ.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी. अभ्यास को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरू ने डिजाइन और विकसित किया है.

सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया

परीक्षण के दौरान लक्ष्‍य का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. लक्ष्‍य को जमीन-आधारित नियंत्रक से सबसोनिक गति से पूर्व-निर्धारित उड़ान पथ में उड़ाया गया. वाहन का इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल प्रणालियों की निगरानी के लिए हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है. यह एंडो-वायुमंडलीय, सतह से हवा और हवा से हवा में मार करने में सक्षम है.

हवा में मार करने वाले हथियारों का परीक्षण

अभ्यास (ABHYAS) के विकास का काम साल 2012 से ही चल रहा था. यह एक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) है. DRDO के अनुसार, यह हथियार प्रणाली को परीक्षण के लिए एक रियलिस्टिक खतरे का दृश्‍य देता है, जिसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों या हवा में मार करने वाले हथियारों का परीक्षण किया जा सकता है.

लक्ष्‍य को भेदने में सक्षम

इस एयर व्हीकल को ट्विन अंडरस्लैंग बूस्टर का इस्‍तेमाल करते हुए लॉन्‍च किया गया. इस दौरान वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से इसके मार्ग, स्पीड आदि की निगरानी करते रहे. यह एक छोटे से गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है. इसे स्वायत्त उड़ान के लिए बनाया गया है और यह अपने लक्ष्‍य को आसानी से भेद सकने में सक्षम है.

डीआरडीओ के अनुसार यह हथियार प्रणाली को परीक्षण के लिए एक रियलिस्टिक खतरे का दृश्य देता है. इसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों या हवा में मार करने वाले हथियारों का परीक्षण किया जा सकता है. इस ड्रोन का इस्तेमाल मिसाइल या फिर विमानों का पता लगाने के लिए भी किया जाता है.



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