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भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर आने वाले किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने के लिए चीन सीमा के पास एक अग्रिम स्थिति में पिनाका हथियार प्रणाली और स्मर्च ​​मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (MRLS) तैनात किये हैं.

पिनाका हथियार प्रणाली के बारे में

भगवान शिव के धनुष के नाम पर पिनाका हथियार प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन किया गया है. यह अत्याधुनिक और पूरी तरह से स्वायत्त, स्वदेशी मल्टी-रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है.

यह हथियार प्रणाली समुद्र तल पर 38 किमी तक के लक्ष्य को भेद सकती है. इन ऊंचाईयों पर पर्वतमालायें महत्वपूर्ण रूप से काफी ऊंची होती हैं, जिस कारण से इस हथियार प्रणाली की गहरी प्रहार क्षमता और अधिक बढ़ जाती है.

गतिशीलता के लिए टाट्रा ट्रक पर हथियार प्रणाली लगाई गई है. इसका इस्तेमाल कारगिल युद्ध के दौरान किया गया था जब इसने पहाड़ की चोटियों पर दुश्मन के ठिकानों को सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया था.

पिनाका का एक उन्नत संस्करण पहले से ही उत्पादन में है और जिसकी मारक सीमा 90 किमी से अधिक है.

स्मर्च प्रणाली के बारे में

स्मर्च 90 किमी की अधिकतम सीमा के साथ सबसे लंबी दूरी की पारंपरिक रॉकेट प्रणाली है. यह लांचर भारतीय तोपखाने के शस्त्रागार में सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक है.

इस प्रणाली का उद्देश्य कर्मियों को हराना और एकाग्रता क्षेत्रों, तोपखाने की बैटरी, कमांड पोस्ट और गोला-बारूद डिपो में संवेदनशील लक्ष्यों/ सॉफ्ट टारगेट के साथ युद्ध करना है.

यह शुरुआत में सोवियत संघ द्वारा वर्ष, 1980 के दशक की शुरुआत में डिजाइन किया गया था और वर्ष, 1989 में इसे सोवियत सेना में तैनात किया गया था.

युद्ध के समय पर पिनाका और स्मर्च ​​प्रणाली का लाभ

चीन के साथ भारत की सीमा के पास पिनाका और स्मर्च ​​सिस्टम की तैनाती से इस क्षेत्र में भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा. त्वरित प्रतिक्रिया समय और इन हथियार प्रणालियों की उच्च सटीकता महत्वपूर्ण और समय के प्रति संवेदनशील दुश्मन लक्ष्यों पर बहुत कम समय में बहुत अधिक मात्रा में गोलाबारी से प्रहार करना सुनिश्चित करेगी.

इन दोनों हथियार प्रणालियों को विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद जैसे उच्च विस्फोटक और संबद्ध क्षेत्र के लक्ष्यों के खिलाफ सबम्यूनिशन/ छोटे हथियार को फायर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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