NCERT Solutions for Class 10 Maths Exercise 5.4 Chapter 5 Arithmetic Progressions
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एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित ये 11 देश जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले पर्यावरणीय और सामाजिक संकटों के लिए तैयार होने और प्रतिक्रिया देने की अपनी क्षमता के मामले में अत्यधिक असुरक्षित हैं.
ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) से पहले जलवायु परिवर्तन पर रिपोर्ट जारी की गई है जिसके अनुसार, भारत उन 11 देशों में शामिल है, जिनकी पहचान संयुक्त राज्य अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने जलवायु परिवर्तन के संबंध में ‘चिंताजनक देशों’ के तौर पर की है.
एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान सहित ये 11 देश जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले पर्यावरणीय और सामाजिक संकटों के लिए तैयार होने और प्रतिक्रिया देने की अपनी क्षमता के मामले में अत्यधिक असुरक्षित हैं.
एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को यह बताया कि, राष्ट्रीय खुफिया परिषद की एक ताजा राष्ट्रीय खुफिया अनुमान रिपोर्ट में, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (ODNI) के कार्यालय ने यह भविष्यवाणी की है कि, ग्लोबल वार्मिंग से वर्ष, 2040 तक संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भू-राजनीतिक तनाव और जोखिम बढ़ जाएगा.
ग्लासगो में आयोजित होने वाले 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) से पहले यह रिपोर्ट जारी की गई है.
उपरोक्त अधिकारी ने यह भी कहा है कि, इन चिंताजनक देशों में गर्मी, सूखा और अफगानिस्तान में कमजोर सरकार इस युद्धग्रस्त देश में स्थिति को और अधिक चिंताजनक बनाती है. इस बीच, भारत और शेष दक्षिण एशिया में, जल विवादों की महत्त्वपूर्ण भू-राजनीतिक फ्लैशपॉइंट के तौर पर भविष्यवाणी की गई है.
इस रिपोर्ट ने भारत और चीन द्वारा तापमान वृद्धि के प्रक्षेपवक्र को निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने पर प्रकाश डाला. भारत और चीन क्रमशः चौथे और पहले सबसे बड़े उत्सर्जक हैं.
ये दोनों देश अपने कुल और प्रति व्यक्ति उत्सर्जन में वृद्धि कर रहे हैं. दूसरी ओर, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU), दूसरे और तीसरे सबसे बड़े उत्सर्जक के तौर पर, अपने उत्सर्जन को कम कर रहे हैं.
इस अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने यह भी बताया गया है कि, जलवायु परिवर्तन से मध्य अफ्रीका और प्रशांत क्षेत्र में छोटे द्वीप राज्यों में अस्थिरता का खतरा बढ़ जाएगा, जो एक साथ समूहीकृत होने पर, विश्व स्तर पर सबसे कमजोर क्षेत्रों में से दो प्रमुख क्षेत्र हैं.
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