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देश-दुनिया में पीएचडी की डिग्री को सर्वोच्च एकेडमिक डिग्री के तौर पर सम्मान हासिल है. अधिकतर लोग ऐसा मानते हैं कि, एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी ट्रेनिंग बेस्ड स्टडी मोड्यूल है. यह विचार कुछ हद तक सही है लेकिन, पीएचडी का महत्त्व एकेडमिक क्षेत्र से भी कहीं अधिक है और पीएचडी डिग्री होल्डर्स के लिए भारत सहित विदेशों में भी अनेक आकर्षक करियर ऑप्शन्स हमेशा उपलब्ध रहते हैं. आइये इस आर्टिकल को आगे पढ़कर इस बारे में और अधिक सटीक जानकारी हासिल करते हैं.
स्टार्ट-अप्स की शुरुआत ने पूरे पीएचडी परिवेश को बदल दिया है. कुछ समय पहले तक, पीएचडी का कार्यक्षेत्र सिर्फ एकेडमिक क्षेत्र तक ही सीमित था. यद्यपि आजकल, एकेडमिक क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स के मिश्रण से पीएचडी ग्रेजुएट्स को कई नये ऑप्शन्स मिल गये हैं. अब, क्योंकि स्टार्ट-अप्स इनोवेशन और इम्प्रोवाइजेशन का स्टोरहाउस बन चुके हैं तो पीएचडी ग्रेजुएट्स किसी नये और उभरते हुए संगठन में काम करना चाहते हैं ताकि अपनी एक्सेप्शनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट क्षमताओं के माध्यम से नये प्रोडक्ट्स को डिज़ाइन करने के लिए वे अपने नॉलेज बेस्ड स्किल्स का उपयोग कर सकें. आजकल, पीएचडी ग्रेजुएट्स स्टार-अप परिवेश में काम तलाश रहे हैं ताकि उन्हें अच्छा कार्य-अनुभव प्राप्त हो जाए और फिर, वे एकेडमिक क्षेत्र ज्वाइन कर लें, जहां पर वे अपने स्किल्स और विशेषज्ञता का प्रोडक्टिव तरीके से उपयोग कर सकें.
एकेडमिक फील्ड में पीएचडी डिग्री होल्डर्स का है सुनहरा भविष्य
एकेडमिक क्षेत्र पीएचडी ग्रेजुएट्स की पहली पसंद बन चूका हैं क्योंकि यहां उन्हें काम करने की पूरी आजादी के साथ बहुत बढ़िया सैलरी पैकेज मिलते हैं. अधिकांश मामलों में, एकेडमिक क्षेत्र की जॉब्स के तहत कई अन्य लाभ जैसे फ्री एकोमोडेशन भी शामिल होते हैं. पीएचडी ग्रेजुएट्स के लिए इस बात का भी चांस होता है कि वे किसी अन्य देश में काम करें. कुल मिलाकर, पीएचडी कैंडिडेट्स को हायर करते समय अधिकांश संगठन अक्सर अपने भावी कैंडिडेट्स के सुपीरियर एनालिटिकल स्किल्स और जटिल समस्याओं को तुरंत सॉल्व करने की काबिलियत देखते हैं.
पीएचडी डिग्री होल्डर्स कुछ ऐसे अपने टैलेंट और कार्यक्षमता का पता लगायें
जब एक बार आप अपनी पीएचडी पूरी कर लेते हैं तो आपके लिए यह बिलकुल सही समय है कि अपनी काबिलियत पता करने के बाद, आप अपने उपयुक्त स्किल्स और विशेषज्ञता के आधार पर जॉब्स के लिए अप्लाई करें. हालांकि, आपके लिए पीएचडी के लेवल पर अपने स्किल्स को अच्छी तरह एनालाइज करना कोई बहुत मुश्किल काम नही है तो भी, नीचे दिए गए मानदंड आपको अपनी वास्तविक काबिलियत को अच्छी तरह समझने में सहायता करेंगे. आइये पढ़ें:
पीएचडी प्रोजेक्ट्स
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एक्सपरटाइज एंड स्किल्स
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एक 75,000 वर्ड्स की थीसिस राइटिंग
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आप प्रोडक्टिव मैनर से एनालाइजिंग, प्लानिंग और इनफॉर्मेशन कलेक्ट करने में कुशल हैं.
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डाटा एनालिसिस
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कम्प्लेक्स डाटा को एनालाइज और प्रेजेंट करने की काबिलियत. आप नंबर्स या कैलकुलेशन्स में माहिर हैं
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कंडक्टिंग इंटरव्यूज
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रिसर्च में एक्सेप्शनल स्किल्स के साथ डिप्लोमेटिक अप्रोच से स्ट्रक्चर्ड इंटरव्यूज कंडक्ट करने की क्षमता.
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टेस्टिंग एंड डूइंग एक्सपेरिमेंट्स
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आप प्रॉब्लम सॉल्विंग में कुशल हैं और आपकी पॉजिटिव अप्रोच है.
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विभिन्न रिपोर्ट्स पब्लिश करने के साथ कांफ्रेंस में प्रेजेंटेशन
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एक कम्प्रीहेंसिव और प्रिसाइज़ तरीके से कम्प्लेक्स प्रोजेक्ट्स पेश करने की काबिलियत. आपके पास बढ़िया कम्युनिकेशन स्किल्स हैं.
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समय पर पीएचडी का समापन
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किसी दिए गए निर्धारित समय में मुश्किल प्रोजेक्ट्स को हैंडल करने और पूरा करने की क्षमता.
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रिसर्च सेमिनार्स ऑर्गनाइज़ करना
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आगे बढ़कर नेतृत्व करने की क्षमता और बेहतरीन आत्मविश्वास.
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इस लिस्ट से आपको अपनी काबिलियत के बारे में काफी बढ़िया अनुमान हो जाएगा और इससे आपको काम के विभिन्न स्तरों पर अपने स्किल्स और विशेषज्ञता का पता लगाने में मदद मिलेगी. इस तरह, आप रिक्रूटर के सामने अपनी क्वालिटीज और स्किल्स को भी बहुत अच्छी तरह पेश कर सकेंगे.
इस दौरान, चाहे आप एक ऐसे पीएचडी ग्रेजुएट हैं जिसके पास लिखने के लिए काफी कुछ है, तो भी आप अपने लिए एक लेंथी रिज्यूम न बनाएं. आमतौर पर, एम्पलॉयर्स ऐसे रिज्यूम्स को नज़रंदाज़ कर देते हैं. तब, आपके सारे प्रयास बेकार चले जायेंगे. अपनी पहली जॉब से पहले आपको निम्नलिखित प्वाइंट्स का भी ध्यान रखना चाहिए:
देश-दुनिया में पीएचडी की डिग्री की वैल्यू नॉलेज और स्किल्स के अनुसार आंकी जाती है. अपने मनचाहे करियर में एक्सपर्ट बनने के लिए आपके पास ये दोनों ही ट्रेट्स होने चाहिये. पीएचडी डिग्री होल्डर्स अक्सर यूनिवर्सिटी प्रोफेसर, इंडस्ट्रियल आर एंड डी लैब प्रोफेशनल्स और स्टार्ट-अप्स मेंटर्स के तौर पर जॉब ज्वाइन करते हैं. इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन्स में समर्पित पीएचडी ग्रुप्स होते हैं जो रिसर्च एक्टिविटीज और नये प्रोडक्ट्स की डिजाइनिंग करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजीज़ निर्धारित करते हैं. डेवलपमेंट सेंटर्स की तुलना में, इंडस्ट्रियल आर एंड डी लेब्स की एवरेज सैलरीज काफी अच्छी होती हैं. इसी तरह, 05 वर्ष के अनुभव सहित एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट को इंडस्ट्रियल आर एंड डी लेब्स में अभी जॉब ज्वाइन करने वाले किसी फ्रेश पीएचडी ग्रेजुएट की तुलना में कम सैलरी मिलती है.
जब डेवलपमेंट सेंटर्स विभिन्न कार्यों के लिए पीएचडी ग्रेजुएट्स को हायर करते हैं तो इन प्रोफेशनल्स की सैलरी विशेष आर एंड डी प्रोफेशनल्स की तुलना में समान या कुछ अधिक होती है. किसी रिसर्च लैब या डेवलपमेंट सेंटर ज्वाइन करने वाले पीएचडी ग्रेजुएट का सैलरी स्ट्रक्चर और डेजिग्नेशन हमेशा किसी अन्य ग्रेजुएट से ज्यादा हाई होते हैं चाहे इन अन्य ग्रेजुएट्स के पास काफी अधिक वर्क एक्स्पेरिंस भी हो.
फाइनेंशल सेक्टर से पब्लिक सेक्टर तक, पीएचडी कैंडिडेट्स आजकल हर जगह मौजूद हैं क्योंकि अब वे केवल एकेडमिक क्षेत्र में ही काम करने तक सीमित नहीं हैं. आजकल, अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद प्रोफेशनल्स एकेडमिक रिसर्च के क्षेत्र से किसी कॉरपोरेट परिवेश में काम करना चाहते हैं ताकि अपने स्किल्स का बेहतरीन इस्तेमाल कर सकें. इस बात पर ध्यान दें कि अगर आप बैंकिंग सेक्टर में काम करना चाहते हैं तो आपके पास फाइनेंस में पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए. ऐसा इसलिये जरुरी है क्योंकि एकेडमिक रिसर्च से यह बदलाव आपके स्टडी एरिया से काफी आगे तक जा सकता है.
भारत में कुछ लोकप्रिय पीएचडी स्पेशलाइजेशन्स
पीएचडी
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कार्य क्षेत्र
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इंग्लिश लिटरेचर में पीएचडी
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कॉलेज प्रोफेसर
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लिंग्विस्टिक्स में पीएचडी
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पब्लिक सेक्टर एंड साइंस कम्युनिकेशन
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फार्मेसी में पीएचडी
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मेडिकल रिसर्च सेंटर्स
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केमिस्ट्री में पीएचडी
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केमिकल रिसर्च सेंटर्स एंड लेबोरेटरीज में एनालिस्ट
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जियोलॉजी में पीएचडी
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जियोलॉजिकल सेंटर्स में हेड ऑफ़ सर्विस
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लॉ में पीएचडी
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गवर्नमेंट सेक्टर्स में एडवाइजरी पोजीशन्स
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बायोलॉजी में पीएचडी
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साइंस राइटिंग
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न्यूट्रीशन में पीएचडी
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साइंटिफिक एडवाइजर
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बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी
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पेटेंट लॉयर
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मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में पीएचडी
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मेडिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर्स
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आप यह जरुर याद रखें कि पीएचडी करने के बाद अपने करियर में विशिष्टता प्राप्त करने के लिए आपको हमेशा प्रयोग करने और सीखने के साथ ही इनोवेटिव कार्य करने होंगे. अगर आप एकेडमिक क्षेत्र से अलग होने पर विचार कर रहे हैं तो आपको कार्य करने की आजादी के मुद्दे के साथ ही सख्त मार्केट चैलेंजेस के लिए खुद को तैयार करना होगा.
आमतौर पर यह एक गलत धारणा है कि यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी एक ट्रेनिंग आधारित स्टडी मोड्यूल है. हां! यह कुछ हद तक सही विचार है लेकिन, पीएचडी का क्षेत्र एकेडमिक क्षेत्र से कहीं आगे तक व्याप्त है. जो लोग पीएचडी की डिग्री प्राप्त करते हैं, उनकी तुलना में कम लोग एकेडमिक क्षेत्र ज्वाइन करते हैं. भारत सहित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अन्य देशों में रोज़गार का परिदृश्य बड़ी तेज़ी से बदल रहा है. इस वजह से पीएचडी स्टूडेंट्स भी एकेडमिक क्षेत्र ज्वाइन करने के अपने उद्देश्य के बारे में अच्छी तरह सोचने पर मजबूर हो गये हैं. आजकल, पीएचडी ग्रेजुएट्स राइटिंग, रिसर्च, इंवेस्टमेंट बैंकिंग, लॉ और अन्य कई संबद्ध क्षेत्रों में विभिन्न विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.
अपनी डिग्री पर केवल “डॉक्टर” की रबड़ लगी होने पर गर्व महसूस करने से आपको कोई बढ़िया जॉब नहीं मिलेगी. यह बहुत अच्छी बात है कि आप एक पीएचडी ग्रेजुएट हैं. हालांकि, पीएचडी सिर्फ डिग्री की तुलना में कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ट्रेनिंग और नॉलेज पर आधारित रिसर्च एक्टिविटीज को ज्यादा महत्व दिया जाता है. पीएचडी में रिसर्च इश्यूज की बेहतरीन समझ के साथ ही गहन रिसर्च कार्य और अति विशेष एनालिटिकल और ऑब्जरवेशनल स्किल्स के साथ महत्वपूर्ण समस्याओं को सॉल्व करने की काबिलियत शामिल है. किसी पीएचडी ग्रेजुएट को कई घंटे लगातार काम करना, जटिल समस्याओं को एनालाइज और सॉल्व करना और शांति से हरेक परिस्थिति को हैंडल करना जरुर सीखना चाहिए. ये गुण न केवल किसी एकेडेमिक एक्सपर्ट के लिए बहुत जरुरी हैं बल्कि, रिसर्च, फाइनेंस और पब्लिक सर्विस जैसे अन्य कार्यक्षेत्रों के लिए भी अनिवार्य हैं.
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